What are the facts about Lord Shiva | भगवान शिव के बारे में तथ्य क्या हैं?भगवान शिवजी के पास त्रिशूल क्यों होता है?
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What are the facts about Lord Shiva |भगवान शिव के बारे में तथ्य क्या हैं?भगवान शिवजी के पास त्रिशूल क्यों होता है:
देवों के देव महादेव कहने वाले भगवान शिवजी के बारे मैं ऐसी बहुत सी चीजें है जो हर कोई जानता नहीं है और जानने के लिए उत्सुक है।भगवान शिव जी के भक्त बहुत है और सभी देवताओं मैं उनको श्रेष्ठ माना जाता है।इस आर्टिकल के जरिए हम शिवजी के कुछ ऐसे तथ्य जानने वाले है।
भगवान शिवजी के पास त्रिशूल क्यों होता है।
क्या आपको पता है,केवल भगवान शिव और देवी शक्ति ही त्रिशूल धारण कर सकते हैं।
अन्य लोग त्रिशूल को छू भी नहीं सकते, क्योंकि त्रिशूल मै इतनी ऊर्जा है की अपार ऊर्जा को सहन करने की शक्ति किसी में नहीं है।
शिव का त्रिशूल (तीन शूल) रजस, तमस और सत्व नामक तीन गुणों को दूर करता है।
त्रिशूल में जो 3 कीलें शिव की तीन आँखों को दर्शाती हैं, और शिव त्रिकालदर्शी हैं (जो भूत, वर्तमान और भविष्य को जानते हैं)।
एक बार जब त्रिशूल शिव के हाथ से छूट गया, तो उसे तब तक वापस नहीं किया जा सकता जब तक कि त्रिशूल से किया जाने वाला कार्य पूरा न हो जाए।
शिव ने अपने त्रिशूल से जलंधर और शंखचूड़ नामक असुरों का वध किया था। शिव के त्रिशूल ने भगवान ब्रह्मा को उनके अहंकार से छुटकारा दिलाने के लिए उनका एक सिर काट दिया।
त्रिशूल की तीन कीलों की तुलना त्रिदेव (विष्णु, ब्रह्मा और शिव) और तीन लोकों अर्थात् स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल (पृथ्वी के नीचे) की अपार शक्तियों से की जा सकती है।
शिवजी अपने त्रिशूल का उपयोग हमेशा नहीं करते बल्कि शिव हमेशा अपने सबसे घातक हथियार त्रिशूल का उपयोग ब्रह्मांड में शांति और दिव्यता बहाल करने के लिए ही करते हैं।
भगवान शिव के पुत्र कौन है।
भगवान शिवजी के 7 पुत्र है ।उनके नाम है कार्तिकेय,गणेश,सुकेश,अय्यप्पा ,जालंधर,भौमा अंधक इत्यादि।
Why shiva wears cobra necklace?
शिव नाग का हार पहनते हैं कोबरा हार कई चीजों का प्रतिनिधित्व करता है।
एक सर्वोच्च देवता के रूप में उनकी शक्ति और क्षमता है; वह अजेय और अमर है। दूसरा यह है कि सांप समय-समय पर अपनी केंचुली उतारता है ताकि वह एक नई केंचुली विकसित कर सके, जो शिव द्वारा दी गई मृत्यु और पुनर्जन्म का प्रतीक है। नाग हार का तीसरा कारण यह है कि यह पृथ्वी पर सबसे खतरनाक प्राणियों पर भी शिव की शक्ति को दर्शाता है।
विभूति(Vibhuti)
उनके माथे पर रेखाएँ हैं जिन्हें “विभूति” के नाम से जाना जाता है शिव की तीसरी आंख को तीन क्षैतिज सफेद रेखाओं से ढका हुआ है जो उनके माथे पर राख से खींची गई हैं।
वे उसके धन, शक्ति और व्यापकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। आस्थावान हिंदू अक्सर शिव के प्रति अपनी भक्ति और पहचान को इंगित करने के लिए अपने माथे पर विभूति रेखाएँ खींचते हैं।
ये रेखाएँ व्यक्तिगत लिंगम के रूप में कार्य करती हैं; लिंगम एक ऐसी वस्तु है जो मानवाकृतिक (मानवीय) विशेषताओं का उपयोग किए बिना शिव का प्रतीक है।
Why Ganga river flows out lord shiva head( गंगा नदी शिव जी की जटाओं से होकर क्यों बहती है?)
गंगा नदी शिव की जटाओं से होकर बहती है महाभारत और रामायण में एक ऐसे ऋषि के बारे में बताया गया है जिनकी गहरी तपस्या को राजा सगर के 60,000 पुत्रों ने परेशान कर दिया था। अपने क्रोध में, वह उन सभी को अपनी उग्र दृष्टि से राख में बदल देता है और उन्हें पाताल लोक में भेज देता है।
इन पुत्रों में से एक वंशज उन्हें वापस लाने के लिए उत्सुक है, इसलिए वह देवी गंगा से पृथ्वी पर आने और उन्हें पुनर्स्थापित करने का आह्वान करता है।
क्योंकि आकाशगंगा पर उसके घर से गिरने से ग्रह टूट जाएगा, उसने शिव के उलझे हुए बालों की उलझी हुई गांठों में अपना पतन तोड़ दिया।
Who is the biggest enemy of lord shiva( शिवजी का सबसे बड़ा दुश्मन कौन था)
शिवजी का सबसे बड़ा दुश्मन और कोई नही बल्कि उनके पुत्र जालंधर थे ।इंद्र को पराजित कर जलंधर तीनों लोकों का स्वामी बन बैठा था। यमराज भी उससे डरते थे।भागवत पुराण के अनुसार असुर जलंधर शिव का अंश था, लेकिन उसे इसका पता नहीं था।
जानिए: