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Home प्रमुख ख़बरें

कोरोना महामारी के दौरान भारत सरकार ने कैसा काम किया? पढ़िए पूरी खबर

Khabar Spot Desk by Khabar Spot Desk
19/05/2022
in प्रमुख ख़बरें, व्यापार व अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य
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कोरोना महामारी के दौरान भारत सरकार ने कैसा काम किया? पढ़िए पूरी खबर
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COVID: कोरोना महामारी के देश में आने से पहले ही भारत सराकर जनवरी के बीच ही सर्तक हो गयी थी। सरकार ने ट्रेवल एडवाइजरी भी जारी करी दी थी, बावजूद इसके 30 जनवरी 2020 को चीन के वुहान से केरल लोटी एक छात्र कोविड संक्रमित पाई गई। जिसके बाद सरकार की सर्तकर्ता मे तेजी आयी और कुछ अहम कदमों को उठाया गया।

चीन के हालात देख सरकार को ज्ञात हो गया था की हालात को काबू करने के लिए कुछ अहम कदम उठाने होगे। जिसके बाद देश में 24 मार्च से 21 दिन का पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया।

महामारी

देश का हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर रही चुनौती

कोरोना महामारी के दो सालों में अगर कुछ चुनौतीपूर्ण रहा तो देश का हेल्थ सिस्टम। बेड से लकर वेंटिलेटर्स, टेस्टिंग किट्स, ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी ने कईं लोगों की जानें भी ली।

सरकार ने इसके लिए कुछ अहम कदम उठाए, जहां कुछ हॉस्पिटलों को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटलों में तब्दील कर दिया गया। वहीं दिल्ली में बेहद कम वक्त में 10,000 बेड का अस्पताल तैयार कर लिया गया।

हेल्थकेयर सिस्टम

हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर दिया जोर

कोरोना के मामलों में इजाफा के साथ भारत में वेंटिलेटर्स और आईसीयू बेड्स की कम संख्या को लेकर चिंता पैदा होने लगी थी। उस समय देश में करीब 17,000 वेंटिलेटर थे तो वहीं दूसरी ओर कम टेस्टिंग दर भी एक दिक्कत पैदा कर रही थी। जिसक बाद कईं पीपीई किट, टेस्टिंग किट्स पर जोर दिया गया। जिसक आज देश में टेस्टिंग लेब की संख्या 3,000 से ज़्यादा है।

समस्या

लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी बनी समस्या

लॉकडाउन के बाद कई लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। कोरोना के कारण लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा तो कईं को अपने बिजनेस में लॉस देखना पड़ा। इन समस्याओं से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाओं का एलान किया। उन्हीं सुविधाओं में से ईपीएफ़ से पैसे निकालने की व्यवस्था भी थी। जहां कर्मचारियों की जमा हुई कुल राशि का 75 प्रतिशत या तीन महीने का मूल वेतन को कोविड एडवांस के रूप में निकालने की अनुमति दी गई थी।

महामारी

कोरोना की दूसरी लहर ने झंझोर के रखा भारत को

कोराना महामारी की दूसरी लहर के दौरान देश में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी। पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। लोगों को ना तो अस्पताल में बेड मिल रहे थे और ना ही ऑक्सीजन सिलेंडर। दवाइयों की घोर किल्लत हो गई थी। समय पर बेड नहीं मिलने की वजह से कई लोगों की मौत हो गई थी।

जानकारी

वैक्सीन बनी राहत

भारत में वैक्सीन अभियान के जरिए पात्र नागरिकों को टीका लगाया गया। 130 करोड़ की आबादी वाले देश में सरकार ने वैक्सीन अभियान की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। वहीं साल 2021 के आखिरी में एक नया वेरिएंट ओमिक्रोन तीसरी लहर की वजह बना। हालांकि बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लग गई थीं और इस लहर में रिकवरी रेट ज्यादा रही। भारत में वैक्सीन अभियान के अंतर्गत अब तक वैक्सीन की 192 करोड़ डोस जनता को लगाने में सफल रही है।

डाटा

अब तक का क्या है डाटा?

भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के ताजा आकड़ो के मुताबिक देश में कुल कोरोना के मामलो की संख्या 4.3 करोड़ है जबकी 14 हजार 303 एक्टिव केस दर्ज है। भारत में रिकवरी रेट 98.75% पहुंच गया है। वहीं इस वायरस के कारण भारत में अब तक कुल 5 लाख 24 हजार 293 लोगों की मौत हुई है।

Tags: All waves detailCOVIDGovernment plansHelathSchemes of government
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