Dadasaheb Phalke International Film Festival Award 2024:
दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स 2024 की 20 फरवरी को घोषणा हुई जनिये किन लोगों को मिला है यह महत्त्वपूर्ण award दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स 2024 में, शाहरुख खान और नयनतारा को क्रमशः सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का खिताब दिया गया, जबकि संदीप रेड्डी वांगा को “एनिमल” के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला|
History and Brief About Dadasaheb Phalke award –
दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है, जो किसी व्यक्ति विशेष को भारतीय सिनेमा में उसके आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार का प्रारम्भ दादा साहब फाल्के के जन्म शताब्दि-वर्ष 1969 से हुआ। उस पहली बार यह सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया। तब से अब तक यह पुरस्कार लक्षित वर्ष के अंत में अथवा अगले वर्ष के आरम्भ में ‘राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार’ के लिए आयोजित समारोह में प्रदान किया जाता है। वर्तमान में इस पुरस्कार में 10 लाख रुपये और स्वर्ण कमल दिये जाते हैं।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता
शाहरुख खान (जवान)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
नयनतारा (जवान)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
रानी मुखर्जी (श्रीमती चटर्जी बनाम नॉर्वे)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (आलोचक)
विक्की कौशल (सैम बहादुर)
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक
संदीप रेड्डी वांगा (पशु)
सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक
अनिरुद्ध रविचंदर (जवान)
सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक (पुरुष)
वरुण जैन, (जरा हटके जरा बचके से तेरे वास्ते)
नकारात्मक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता
बॉबी देओल (पशु)
टेलीविजन श्रृंखला में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
रूपाली गांगुली (अनुपमा)
टेलीविज़न श्रृंखला में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता
नील भट्ट (गुम है किसी के प्यार में)
वर्ष की टेलीविजन श्रृंखला
गुम है किसी के प्यार में
वेब सीरीज में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
करिश्मा तन्ना (स्कूप)
फिल्म उद्योग में उत्कृष्ट योगदान
मौसमी चटर्जी
संगीत उद्योग में उत्कृष्ट योगदान
केजे येसुदास
Who won the first Dadasaheb Phalke award
प्रथम दादा साहब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत 1969 मैं हुई थी।विजेता दादा साहब फाल्के पुरस्कार पहली बार 1969 में दिया गया गया था। पहला दादासाहेब फाल्के पुरस्कार यह अभिनेत्री देविका रानी को मिला था।
उसके बाद 17वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में उन्हें भारतीय सिनेमा में उनके महान योगदान के लिए सम्मानित किया गया था। इस पुरस्कार की वजह से पूरे फिल्म इंडस्ट्री मैं फिल्म उद्योग में उत्तम कार्य करने वाले लोगों का जश्न मनाने की परंपरा शुरू भी इसी से हुई है।
दादासाहब फाल्के पुरस्कार के द्वारा ही बहुत सारे लोगों को अपने करियर करने और प्रोत्साहन भी मिला है जिसकी वजह से वो और अच्छा काम कर सके।
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार का महत्व
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए विजेताओं का चयन है वो भारतीय फिल्म उद्योग के सम्मानित व्यक्तियों से बनी एक समिति की देखरेख मैं सावधानीपूर्वक किया जाता है।इस पुरस्कार का महत्त्व बहुत ही असाधारण है।यह दादा साहब फाल्के पुरस्कार हर साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दिया जाता है, जिसका आयोजन फिल्म महोत्सव द्वारा किया जाता है, जो की भारत सरकार की सूचना और प्रसारण मंत्रालय का एक बड़ा हिस्सा है।
अगर इस पुरस्कार के महत्व को देखा जाए तो इस पुरस्कार की वजह से जो भी लोग इस फिल्म इंडस्ट्री मैं आना चाहते है उनको एक प्रेरणा मिलती है की हमें भी कुछ ऐसा करना चाहिए यह फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण पुरस्कार माना जाता है। दादा साहब फाल्के पुरस्कार में एक स्वर्ण कमल (गोल्डन लोटस) पदक, एक शॉल और 1,000,000 (US$13,000)रुपये का नकद भी पुरस्कार मैं शामिल है।
फिल्म इंडस्ट्री के बड़ी हस्तियों को यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है।राज कपूर,वहीदा रहमान,लता मंगेशकर से लेकर इस 2024 के विनर तक बहुत बड़ा योगदान इन सभी कलाकारों ने इस भारतीय इंडस्ट्री के लिए दिया है।
2021 में, प्रसिद्ध अभिनेता साउथ के रजनीकांत को भारतीय सिनेमा में उनके असाधारण योगदान के लिए यह पुरस्कार मिला है। हम सब जानते है की बीच मैं covid की वजह से कुछ भी ज्यादा चीज दो साल हो नही पाई।इसी COVID-19 महामारी के कारण, 2020 और 2021 के सभी पुरस्कार भारत सरकार द्वारा स्थगित कर दिए गए उसमें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भी शामिल था।
महामारी के कारण और दो साल के अंतराल के बाद, 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 30 सितंबर, 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा प्रदान किए गए थे।ऐसा कभी नही हुआ था की इतना बड़ा राष्ट्रीय पुरस्कार कभी हुआ नही लेकिन कोरोना के कारण इसको स्थगित किया गया था।उसके बाद यह पुरस्कार नियमित रूप से दिया जा रहा है।