Why Bhagwat Gita important for us 11 bhagwat Gita secrets। क्यों भागवत गीता हमारे लिए महत्वपूर्ण है? जानिए ११ सीक्रेट्स

Why Bhagwat Gita important for us 11 bhagwat Gita secrets। क्यों भागवत गीता हमारे लिए महत्वपूर्ण है? जानिए ११ सीक्रेट्स

Why Bhagwat Gita important for us 11 bhagwat Gita secrets। क्यों भागवत गीता हमारे लिए महत्वपूर्ण है? जानिए ११ सीक्रेट्स

ऐसा क्यों कहते हैं कि हर प्रश्न का उत्तर हमारे भागवत गीता में पहले से ही क्यो लिखा होता है.?चाहे आपकी कोई भी परेशानी हो या आपके हर प्रश्न और हर समस्या क्या उत्तर भागवत गीता में पहले से ही लिखा होता है। आज हम इस Why Bhagwat Gita important for us 11 bhagwat Gita secrets। क्यों भागवत गीता हमारे लिए महत्वपूर्ण है? जानिए ११ सीक्रेट्स आर्टिकल में कुछ खास सीक्रेट्स आपको बताने वाले हैं।

आपकी कोई भी इच्छा हो इसका समाधान भी भागवत गीता में लिखा हुआ होता है। हर समस्या का हल श्रीमद् भागवत गीता आपके हर प्रश्न का उत्तर देते हैं।
चाहे वह परेशानी धन की हो या आपके मन की हो या फिर किसी भी रिश्तों की समस्या हो इन सभी का समाधान इसमें मिल ही जाता है।
इसी के लिए आज हम भगवत गीता के 11 मूल्यों का तथा उदेशो का अभ्यास करेंगे ।हमारे जीवन में क्यों इतना भागवत गीता को स्थान दिया जाता है क्यों इतना महत्व है ये आज हम जानते हैं।

जो आपकी पूरी जिंदगी बदल लेंगे।इसे पढ़ने से आपको आपके हर प्रश्न का उत्तर और समस्या का समाधान इसमें अवश्य ही मिल ही जाएगा।तो चलिए जानते हैं वो 11 उद्देश्य,

1 .भगवत गीता का पहला उद्देश्य

यही है कि कोई आपका अपना है या कोई आपसे भी बड़ा हो आपके प्रति गलत व्यवहार कभी भी सहन नहीं करना चाहिए गीता का यह गीता का उद्देश्य हम सब की जिंदगी से जुड़ा हुआ है। हमारा अपना वही होता है जो कभी हमे तकलीफों मै न डाले वो बड़ा हो या छोटा लेकिन कभी किस को तकलीफ मे ना डाले बल्कि हमारी तकलीफे दूर करे।

2. भगवत गीता का दूसरा उद्देश्य

यही है कि सांख योग यह दूसरे अध्याय का नाम है।इसके आरंभ में ही अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण के आगे अपना दुख प्रकट किया है. की हे केशव मैं कौरवों से कैसे युद्ध कर सकता हूं यह सब तो मेरे अपने है मैं कैसे विष्व पितामह और द्रोणाचार्य से युद्ध करूंगा क्योंकि वह दोनों मेरे पूजनीय है इन दोनो को मारने से अच्छा है की मैं भिक्षा के अन्न को खाकर आपने जीवन का गुजारा करू।

वो मेरे भाई ही है।इनको मारने से अच्छा है की मै सन्यासी बन जाऊ.
उसी समय श्री कृष्ण ने अर्जून सै कहा की कौन अपना है और कौन पराया जो अधर्म करता है उसके साथ युद्ध करना तुझे मोक्ष और मुक्ति देगा.

बात आपने या पराए की नहीं है बात धर्म और अधर्म की है। बात सही और गलत की , जो चला गया है अभी उसका दुख मत करो और जो आने वाला है कभी उसकी चिंता मत करो।

3.भगवत गीता का तीसरा उद्देश्य

यही है कि मौत से डरना व्यर्थ है यह तीसरे उद्देश्य में लिखा गया है. भगवत गीता में कहा गया है कि यह संसार मृत्यु लोक है जिसका भी जन्म हुआ है वह एक दिन जरूर मर जाएगा जिसका आरंभ हुआ है उसका अंत अवश्य होगा हम उसे कभी भी रोक नहीं सकते .

मृत्यु इस जीवन का एक नया आरंभ है इस जीवन का अंत नहीं है आत्मा कभी मर नहीं सकती और ना उसे कोई मार सकता है. और मौत का दुख भी इंसान को बहुत ज्यादा होता है. लेकिन शरीर का मिटना यह हमारा अंत नहीं है

श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा हे तेरे और मेरे अनंत जन्म है जो व्यक्ति सत्य को समझ ले कि मैं इस संसार में कुछ समय के लिए आया हूं उसकी जिंदगी के सारे झगड़ा सारी परेशानियां सारी चिंताएं ही दूर हो जायेगी।

4.गीता का चौथा उद्देश्य

यही है कि मन और विचारों को कंट्रोल control किए बिना जीवन में कभी शांति और सुकून मिलने वाला ही नहीं है. श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा जब तक हम अपने मन और विचारों को गुलामी का त्याग नहीं करता तब तक जीवन में आपको कभी शांति नहीं मिलेगी। गीता का उपदेश हमें यही सिखाता है कि जीवन में शांति चाहिए तो मन को शांत करना सीखो।

5.भगवत गीता का पांचवा उद्देश्य

यही है कि वासना क्रोध , और लालच जीवन के सर्वनाश का कारण बन सकता है जिस्म में भी यह गुण होते हैं वह हमेशा दूसरों को दुख पहुंचता रहता है, और खुद को सुखी बनाता रहता है मन में लालच होना उसकी जिंदगी के सुख को खत्म कर देते हैं।

6.भगवत गीता का छठा उद्देश्य

यही है कि कोई व्यक्ति छोटा या बड़ा नहीं होता सभी एक ही है सभी परमात्मा के अलग-अलग रूप है, और उनके नाम है।

7.भगवत गीता का सातवां उद्देश्य

यही कहता है कि सुखों की ज्यादा इच्छा ही हमेशा दुखों का कारण बनता है। श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं की जितना सुख के पीछे भागोगे उतना ही उसे दुख के अनुभव की प्राप्ति होगी। इसी को संसार का नियम बोलते हैं।जो चीज शुरू में मन को आकर्षित करती है बाद में वही दुख देते हैं और जो चीज शुरू में कठिन लगती है या मुश्किल लगती है वही बाद में आपको आनंद देता है।

8. भगवत गीता का आठवां उद्देश्य

यही है कि जो भी व्यक्ति दुनिया में मिलने वाला सहारा छोड़कर सिर्फ भगवान की भक्ति करता है उसे और भगवान को ही अपना सब कुछ मानता है उसकी हर इच्छा ईश्वर पूरी करता है, उसकी रक्षा भी स्वयं भगवान करते हैं।श्री कृष्ण कहते हैं जो मेरी भक्ति पूरे मन से भक्ति करता है उनकी सभी इच्छा मैं पूरी करता हूं और उनकी रक्षा भी मैं हमेशा करता हूं।

9.भगवत गीता का नोवा उद्देश्य

यही है कि इस दुनिया में हमारा कुछ भी नहीं है भगवत गीता में आपने हमेशा पढ़ा होगा हमारा क्या गया जो तुम रोते हो तुम क्या लाए थे जो तुमने खो दिया,और जो आज तुम्हारा है कल दूसरे का होगा यही परिवर्तन का नियम है।

10. भगवत गीता का दसवा उद्देश्य

यही है कि किसी भी चीज का हद से ज्यादा मोह मत करना।श्री कृष्ण ने भागवत गीता का पुरा ज्ञान ही अर्जून के मोह को नष्ट करने के लिए कहा है।

11. गीता का 11वां उद्देश्य

यही है कि इस दुनिया में अगर आप आए हो तो दुख तो आपको जरूर मिलेगा. दुख से कभी घबराना मत,कभी डरना मत।
श्री कृष्णाने भागवत गीता मे यही कहा हैं की यह संसार दुखालयम अशास्वतम है।

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who wrote bhagwat gita । भगवत गीता किसने लिखी

भगवत गीता वेद व्यास के द्वारा लिखी गई है।भगवत गीता महान महाकाव्य महाभारत के 700 श्लोकों का संग्रह है।

ऐसी भागवत गीता के पीडीएफ अगर आपको डाउनलोड करने हैं तो आप नीचे दिए गए लिंक पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।

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Conclusion

आज हमने आपको इस आर्टिकल Why Bhagwat Gita important for us 11 bhagwat Gita secrets। क्यों भागवत गीता हमारे लिए महत्वपूर्ण है? जानिए ११ सीक्रेट्स में भागवत गीता का इतना महत्व क्यों है यह हमने बताया अगर आपको और भी जानकारी चाहिए या फिर कुछ प्रश्न है तो आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में उसे प्रश्न को पूछ सकते हैं। हम अब तक उसका जवाब जरूर पहुंच जाएंगे

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