टोक्यो पैरालंपिक 2020: टोक्यो पैरालंपिक के सातवें दिन भी भारतीय खिलाड़ियों ने अपना जलवा बरकरार रखा। जहां पुरुषों की ऊंची कूद की टी-63 स्पर्धा में मरियप्पन थंगवेलु और शरद कुमार ने रजत और कांस्य पदक अपने नाम किए। बता दें यह टोक्यो पैरालंपिक में भारत का यह 10वां मेडल है।
फिर एक बार मरियप्पन ने भारत में लिए जीता पदक
मरियप्पन थांगावेलू पीएम मोदी से हाथ मिलाते हुए
मरियप्पन थांगावेलू की कहानी उन करोड़ो लोगों के सामने एक मिसाल है, जो जीवन में कोई हादसा होने के बाद निराश होकर बैठ जाते हैं। एक हादसे में अपना एक पैर गवां देने के बाद भी मरियप्पन थांगावेलू ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी मेहनत से रियो पैरालंपिक (2016) में पुरुषों की ऊंची कूद मुकाबले में देश के लिए गोल्ड मेडल जीता था। वहीं फिर एक बार उन्होंने देश के लिए पदक जीता है, उन्होंने पुरुषों की ऊंची कूद की टी-63 स्पर्धा में दूसरा स्थान प्राप्त कर रजत पदक किया अपने नाम।
मेडल के बाद आईएएस है शरद का सपना

दो अहम साल डोपिंग के बैन के चलते के बाद शरद कुमार ने अपनी सारी कसर टोक्यो में मेडल जीतकर की पूरी। शरद कुमार महज दो साल के थे जब डॉक्टर ने उन्हें गलत इंजेक्शन दे दिया जिस वजह से वह पोलियो से ग्रसित हो गए। टोक्यो में मेडल जीतने का जहां सपना पूरा हो गया तो वहीं अपने दूसरे सपने की तैयारी करने में लग जाएंगे। शरद को आईएएस अधिकारी बनना है। वह टोक्यो पैरालिंपिक के बाद इसकी तैयारी शुरू करेंगे।