सुप्रीम कोर्ट ने कल यानी मंगलवार को कोर्ट में पहली बार एक साथ नौ जजों को शपथ दिलाई गई, जिनमें तीन महिला न्यायाधीश भी शामिल रहीं। जो कि सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार हुआ है जहां पहली बार 9 जजों ने एक साथ शपथ ली। देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने सभी नौ जजों को शपथ दिलाई। जहां शपथ लेने वालों में तीन महिला न्यायाधीश भी शामिल रहीं। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने इन जजों के नाम सरकार को 2018 मे भेजे थे, जिन्हें स्वीकार कर लिया गया था।

कौन है वो नौ जज?
जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका, विक्रम नाथ, जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, हेमा कोहली, वेंकटरमैया नागरत्ना, चुडालायिल थेवन रविकुमार, एम.एम. सुंदरेश, बेला मधुर्या त्रिवेदी और पामिघनतम श्री नरसिम्हा यह वो नौ जज है जिन्हें मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने शपथ दिलाई। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में अब जजों की संख्या 33 हो गई है साथ ही इन तीन नई नियुक्तियों के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय में महिला जजों की संख्या चार हो गई है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी पहले से सुप्रीम कोर्ट की जज हैं।
2027 मे देश कि मुख्य न्यायधीश होंगी जस्टिस बीवी नागरत्ना
सुप्रीम कोर्ट में जज बनने से पहले जस्टिस नागरत्ना कर्नाटक हाई कोर्ट में जज थीं। जस्टिस नागरत्ना ने 1987 में कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत शुरू की। उन्होंने पूरे 23 साल तक वकालत की और उसके बाद बतौर जज भूमिका संभाली। उन्हें 2008 में हाई कोर्ट में अडिशनल जज नियुक्त किया गया। उसके बाद फरवरी 2010 में जस्टिस नागरत्ना को हाई कोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त किया गया। जस्टिस बीवी नागरत्ना देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी। वरिष्ठता के हिसाब से सितंबर 2027 में वह भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी।
रिटायरमेंट से पहले तीन साल ओर बड़ा कार्यकाल
दिल्ली हाईकोर्ट से तेलंगाना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस बनाई गईं जस्टिस हिमा कोहली अगले हफ्ते 1 सितंबर को रिटायर हो रही हैं। जस्टिस कोहली का जन्म 2 सितंबर 1959 को हुआ था। इस हिसाब से 2 सितंबर को वो 62 साल की हो जाएंगी। हाईकोर्ट के जज 62 साल की आयु पूरी करने से एक दिन पहले रिटायर होते हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट में 65 साल पूरे करने से एक दिन पहले रिटायरमेंट होता है। ऐसे में 31 अगस्त से पहले जस्टिस कोहली के सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर शपथ लेने के बाद वो अगले तीन साल तक वह इस पद पर बनी रहेंगी।
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी जिन्होंने अधीनस्थ न्यायपालिका के रूप में किया है काम
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी का जन्म जून 1960 में हुआ था बेला एम. त्रिवेदी नौ नए न्यायाधीशों में से केवल एक हैं, जिन्होंने अधीनस्थ न्यायपालिका में एक सिविल और सत्र न्यायाधीश के रूप में काम किया है। उन्होंने गुजरात सरकार के विधि सचिव के रूप में भी काम किया था।